1.कभी मुस्कुराकर बात किया करते थे,आज खामोशी भी बोझ लगती है,तुम्हारी कमी कुछ यूँ खलती है,कि हर खुशी अधूरी लगती है। 2.हमने चाहा था उम्र भर साथ निभाना,पर किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था,जिसे जान से ज़्यादा चाहा हमने,वही सबसे ज़्यादा दूर था। 3.तुम्हारे बाद कोई अपना सा नहीं लगा,हँस तो लेते हैं हम,पर दिल से कभी हँसे ही नहीं। 4.वो कहते थे कभी छोड़कर नहीं जाएंगे,आज हाल ये है किहम पूछें तो पहचानने से भी इंकार करते हैं। 5.तुम्हारी यादों से अब लड़ते हैं हम,हर रात टूटते हैं,और हर सुबह खुद को फिर से जोड़ते हैं। 6.प्यार किया था कोई सौदा नहीं,फिर भी हार गए हम,शायद निभाना हमें आता नहीं। 7.हमने तो बस तुम्हें चाहा था,बदले में कुछ नहीं मांगा,पर तुमने हमें ऐसे छोड़ा,जैसे कभी जाना ही नहीं। 8.आज भी तुम्हारा नाम सुनते ही,दिल रुक सा जाता है,शायद मोहब्बत कभीपूरी तरह खत्म नहीं होती। 9.कभी जो सुकून था तुम्हारी बातों में,आज वही बातें दर्द बनकरदिल में उतर जाती हैं। 10.हम आज भी तुम्हारे इंतज़ार में हैं,फर्क बस इतना है,अब उम्मीद नहीं, सिर्फ यादें हैं। Bolatee kalambolateekalam.com
Birthday Shayari
तेरी हंसी हो जैसे फूलों की खुशबू,तेरी जिंदगी में हो हर ख्वाब पूरा,जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं,तू सदा रहे खुश, बस यही है दुआ। आज का दिन है ख़ास तेरे लिए,सपने तेरे साकार हों नए,खुश रहे तू हर पल, हर एक दिन,सुख-शांति हो तेरे संग सदा के लिए। तेरी हर दुआ हो मंज़िल तक पहुँचती,तेरे हर कदम पर खुशियाँ बिछती,जन्मदिन के इस खास दिन पर,तू सदा रहे खुश, यही दुआ है हमारी। तेरे जन्मदिन पे ये दुआ है हमारी,सपने तेरे हो पूरे हर एक नयारी,खुश रहो तुम सदा हंसी के साथ,तेरे चेहरे पे हो रोशनी हर रात। खुशियाँ तेरे कदमों में हो बिखरी,तेरी मुस्कान से हर दिन हो हसीन,जन्मदिन के इस दिन पे हम दुआ करें,तेरी जिंदगी हो कभी ना उदास, हमेशा रंगीन। तेरी हंसी हो जैसे मधुर गीत,तेरी जिंदगी में हो हर खुशी की रीत,खुश रहो तुम हमेशा यूं ही,जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं, दिल से। तेरी ज़िंदगी में हो रंगों की बारिश,तेरी राहें हों कभी न खाली,सपने तेरे हों हर एक साकार,जन्मदिन पे ये दुआ, हर खुशियाँ हो तुझ पर। हर साल आए खुशियों की सौगात,तेरी ज़िंदगी हो सदा महकती रात,जन्मदिन पर बस यही है दुआ,तू सदा रहे खुश, और कभी न हो उदास। Bolatee kalambolateekalam.com
New Year Shayari 2026
1.नया साल आया है, तो सोचा पुरानी थकान को दरवाज़े पर ही छोड़ दूँ,हर परेशानी को अलविदा कहकर अपने सपनों से एक नई दोस्ती जोड़ दूँ।इस साल बस इतना इरादा है मेरा—जो भी खोया है, उससे बेहतर पाना है, और जो पाया है, उसे संभालना है। 2.साल बदलने से अगर किस्मत नहीं बदलती,तो इरादे वो बदल डालो जो तुम्हें पीछे रोकते हैं।नए साल में बस इतना याद रखना—तू वही है, बस अपनी सोची हुई हदों को पार कर जाने का वक़्त नया है। 3.चलो इस नए साल को थोड़ी देर ठहरकर महसूस करते हैं,पिछली परेशानियों को मुस्कुराकर अलविदा कहते हैं।जो सपने सालों से दिल में धड़क रहे थे,अब उन्हें हकीकत की धूप दिखाने का मौसम आया है। 4.नया साल सिर्फ तारीखें नहीं बदलता,कई ज़ख्मों को भी मरहम दे जाता है।इस बार खुद को इतना मजबूत बनाना हैकि तकदीर भी पूछे—“कौन है ये जो हर मुश्किल को मुस्कुराकर जीत जाता है!” 5.कैलेंडर का पन्ना क्या बदला,दिल में उम्मीदों का मेले लग गए।हर सुबह ने नए सपने दिए,हर रात ने नयी दुआएँ जगाएँ।इस साल, रब से सिर्फ एक ही गुज़ारिश है—मेरी मेहनत को मंज़िल की ख़ुशबू मिले। 6.नया साल आया है तो सोचा खुद को ही नया कर लूँ,लोग क्या सोचते हैं ये छोड़कर,जो मैं सोचता हूँ वही करना शुरू कर दूँ।इस बार दिल की सुनी है—और दिल ने कहा है कि अब डरना छोड़, चमकना शुरू कर। 7.इस साल की पहली सुबह कुछ कहती सी लगी—“चल उठ, जो राहें कल तक धुंधली थीं,उन्हें आज खुद की रोशनी से रोशन कर।तेरे सपने छोटे नहीं,बस तू अब तक खुद को कम समझता रहा।” 8.पिछला साल दुःख भी दे गया, सीख भी दे गया,और उन सीखों ने मुझे और मजबूत बना दिया।अब इस नए साल में वादा है—अपने हर कदम को सोच समझकर रखना है,और हर जीत को दिल से महसूस करना है। Bolatee kalambolateekalam.com
ख्वाबों का वो घर
मैंने देखा था एक ख्वाब,जब मेरा अपना घर होगा,तो पक्का नहीं…एक कच्चा-सा प्यारा घर होगा । जिसकी छत पर छप्पर हो,दीवारों में बड़ी-बड़ी झिरकियां हों,पति संग जब चली ,मिला सपनों का घर जैसा मैने चाहा । सपनों में था कच्चा घर, छप्पर ऊपर छाँव,साजन संग कट जाएँ, जीवन के सब घाव। झिरकी से बरसात को, नैनन देखत जाएं,टप-टप गिरती बूँद में, मन मधुबन मुस्काएं। मैंने चाहा बिल्कुल वो, सरल सुहाना द्वार,ईंटों में भी प्यार था, मिट्टी में भी इकरार । मायका छोड़ चली जब, दिल में था संकोच,सपनों जैसा घर मिला, बदली जीवन-ओट। प्रियतम का वह प्रेम , ससुराल की वह छाँह,मीठे पलों की महक में, भर गया हर माह। देहरी पर बैठी मैं, संग हवा के बोल,सपनों की दुनिया में था, साजन मेरा अनमोल ।। Bolatee kalambolateekalam.com
वंदे मातरम्
तोड़ पुरानी जंजीरों को आज नया इतिहास लिखें,गर्म लहू की धाराओं से राष्ट्रभूमि का श्रृंगार करें ।मिट्टी से उपजे मिट्टी को ही बलिहार करें,देश की खातिर मिट जाने का कर ले तू आचरण ।। मातरम् ।। ये मिट्टी है बलिदान की किसान और जवान की,तन को आज रंगा कर इसमें सर ऊंचा अभिमान करें ।मिट्टी के कण कण से उठते देशप्रेम का गुणगान करें,बच्चा बच्चा देशभक्ति का ओढ़े अब आवरण ।। मातरम् ।। मिट्टी में ममता मां की इंसान खेलता गोद में इसकी,मल मल के रज कण जिस्म से मिल शत्रु से संग्राम करें ।मैं सपूत मैं रखवाला झुका शीश मिट्टी को प्रणाम करें,सुदृढ़ सशक्त छबि हो ऐसी कर न सके कोई आक्रमण ।। मातरम् मातरम् वंदे मातरम् वंदे मातरम् ।। Bolatee kalambolateekalam.com
योग दिवस पर कविता
निज का हम सहयोग करें,प्रातः उठ कर योग करें।1। स्वस्थ रहे तन-मन सबका,सुखद सृष्टि का भोग करें।2। अपना कर आसन ,व्यायाम,जीवन सदा निरोग करें।3। सदा सार्थक सोच बनाएं,हितकर ही उपयोग करें।4। उठें भोर में चल कर आयें,मलयानिल उपभोग करें।5। नर-नारी सबका हित होगा,दूर स्वयं का रोग करें।6। तन-मन स्वस्थ रखें हम इतना,जिसे अनुकरण लोग करें।7। सनातन-प्रतिभा का विस्तार,करके जगत-निरोग करें।8। हो हरीश जीवन-ऋंगार,मिल-जुल नव विनियोग करें।9। Bolatee kalambolateekalam.com