मोक्षदायिनी गंगा मैया सबको जीवन देती है,
सुनते हैं वह तन मन के सब पापों को हर लेती है।।
तीर्थ तीर्थ गंगा की धारा, काशी हो या प्रयागराज,
हरिद्वार की पावन गंगा, सभी बनाती बिगड़े काज,।।
गंगा मैया का जल पावन वह नवजीवन भी देता है,
हिमगिरी से ले जडीबूटियां स्वास्थ्य लाभ देता है,।।
मां कब कहती तुम पाप करो , फिर जल में मेरे स्नान करो,
अपने तन मन का सब कल्मश धोकर कुछ पल विश्राम करो।।
निष्पाप रहो सत्कर्म करो मां के ऊपर उद्धार करो,
मां तो मोक्षदाययनी है हर माता की स्तुति कर लो।।