वृक्ष न होगा तो क्या होगा?
कौन प्रदूषण दूर करेगा?
कौन हमें छाया फल देगा?
कहाँ छिपेगी प्यारी कोयल?
तोता टें-टें कहाँ करेगा?
रामभक्त हनुमान कहाँ पर,
लुका-छुपी का खेल करेगा?
वृक्ष न होगा तो क्या होगा?
कौन निमंत्रण देगा घन को?
कैसे वर्षा मंगल होगा?
बंध्या हो जाएगी धरती,
शस्य श्यामला कौन करेगा?
वृक्ष न होगा तो क्या होगा?
मत काटो इनको तुम मानव,
बार-बार विनती करती हूँ ।
इन्हें लगाओ इन्हें बढ़ाओ,
बार-बार तुमसे कहती हूँ ।
वृक्ष रहेगा , वृक्ष फलेगा,
जन- जीवन खुशहाल रहेगा ।
वृक्षों से ही धरती माँ का
रोम – रोम आबाद रहेगा ।